Pension Gratuity Rules – सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। अब हर सरकारी कर्मचारी को पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार ने इसको लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। जो कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतते हैं या जिन पर किसी तरह का गंभीर आरोप साबित होता है, उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी दोनों पर रोक लग सकती है। इस आदेश से सरकारी विभागों में हलचल मच गई है और कर्मचारियों में चिंता का माहौल है।
सरकार ने क्यों लिए सख्त फैसले?
सरकार समय-समय पर कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और भत्तों को लेकर नीतियों में बदलाव करती रही है। लेकिन अब जो आदेश जारी हुए हैं, वे सीधे कर्मचारियों के भविष्य से जुड़े हुए हैं। पेंशन और ग्रेच्युटी, जो कि रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा का अहम हिस्सा मानी जाती हैं, अब हर कर्मचारी को नहीं दी जाएंगी। सरकार का साफ कहना है कि जो कर्मचारी गंभीर लापरवाही या अपराध में लिप्त पाए जाते हैं, उन्हें इन लाभों से वंचित कर दिया जाएगा।
कर्मचारियों को दी गई चेतावनी
नई गाइडलाइन में सरकार ने कर्मचारियों को साफ चेतावनी दी है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें। यदि कोई कर्मचारी ड्यूटी के दौरान लापरवाह पाया जाता है या कोई बड़ा अनुशासनहीन काम करता है, तो उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी पर असर पड़ेगा। यानी अगर कोई कर्मचारी सोचे कि रिटायरमेंट के बाद उसे हर हाल में पेंशन और ग्रेच्युटी मिलेगी, तो अब वह सोच गलत साबित हो सकती है।
किस स्थिति में रोकी जा सकती है पेंशन और ग्रेच्युटी?
सरकारी आदेश के अनुसार यदि कोई केंद्रीय कर्मचारी अपने सेवा काल के दौरान किसी आपराधिक मामले या विभागीय लापरवाही में दोषी पाया जाता है, तो रिटायरमेंट के बाद उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकी जा सकती है। यह फैसला कर्मचारी की नियुक्ति करने वाली अथॉरिटी ले सकती है। उस विभाग के सचिव या मंत्रालय के स्तर पर इस पर निर्णय लिया जाएगा।
फैसला लेने की प्रक्रिया क्या होगी?
किसी भी कर्मचारी की पेंशन या ग्रेच्युटी रोकने से पहले यह जरूरी होगा कि संबंधित अधिकारी उसके खिलाफ विभागीय जांच या न्यायिक कार्रवाई की जानकारी उच्च स्तर पर पहुंचाएं। इसके आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा, यह भी जरूरी होगा कि संबंधित अधिकारी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) से इस बारे में राय लें। बिना UPSC की सलाह के किसी कर्मचारी की पेंशन और ग्रेच्युटी पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
क्या रिकवरी भी होगी?
बहुत से कर्मचारी यह सोचते हैं कि रिटायरमेंट के समय पेंशन और ग्रेच्युटी मिल जाने के बाद अब कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन सरकार का नया आदेश इससे अलग है। यदि रिटायरमेंट के बाद किसी कर्मचारी पर कोई गंभीर दोष सिद्ध होता है, तो उसकी पहले से दी गई पेंशन और ग्रेच्युटी की रकम की भी रिकवरी की जा सकती है। यानी सरकार वह पैसा वापस ले सकती है।
ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी भी आएंगे दायरे में
यह नियम सिर्फ स्थायी कर्मचारियों पर ही लागू नहीं होंगे, बल्कि जो सेवानिवृत्त कर्मचारी किसी सरकारी संस्था में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर सेवाएं दे रहे हैं, उन पर भी ये नियम प्रभावी होंगे। यानी अब सेवानिवृत्त कर्मचारी भी पूरी तरह से जांच के दायरे में रहेंगे और किसी भी तरह की गड़बड़ी पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
किसकी पेंशन रोकी जा सकती है?
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन कर्मचारियों को न्यूनतम ₹9000 से अधिक की पेंशन मिलती है, सिर्फ उन्हीं की पेंशन पर रोक लगाई जा सकती है। इससे कम पेंशन पाने वाले कर्मचारियों को लेकर अभी ऐसा कोई निर्देश नहीं आया है।
अधिकारियों को दिए गए स्पष्ट निर्देश
सभी मंत्रालयों और विभागों को इस बाबत सख्त निर्देश दे दिए गए हैं कि वे दोषी पाए गए कर्मचारियों पर तुरंत एक्शन लें। अब कर्मचारियों के लिए अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सतर्क रहना और अपने कार्य में पारदर्शिता बनाए रखना और भी जरूरी हो गया है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसका मकसद किसी भी सरकारी आदेश की कानूनी व्याख्या करना नहीं है। पाठक किसी भी कार्रवाई से पहले संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या अधिसूचना को अवश्य देखें। इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया स्रोतों और सरकारी नोटिस पर आधारित है।